सूचना का अधिकार आवेदन लेने में सचिव रेस बिलागर को छूटा पसीना
आवेदक ने जनपद डिंडोरी पहुंच अधिकारियों से की शिकायत
ग्राम पंचायत घानाघाट का मामला शासकीय दिशा निर्देशों को ताक पर रख लगाया शासन को सचिव ने चुना
डिंडोरी हर पहर खबर गाँव शहर । जिले में ऐसी अनेकों ग्राम पंचायत है जहाँ पदस्थ पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा शासकीय निर्देश कि खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं एवं शासकीय निर्देश को दरकिनार अपने बनाए नियमों का संचालन जिम्मेदारों के द्वारा किया जा रहा है जिससे क्षेत्रीय लोगों सहित ग्राम पंचायत जनों को परेशानियां से हर दिन सामना करना पड़ रहा है पंचायत में पदस्थ इन शासकीय नुमाइंदों को संबंधित विभागीय अधिकारियों का भी खौफ नहीं है मनमर्जी अपने नियम चलाने आमादा नजर आ रहे हैं सवाल यह है कि शासन के द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों कि आखिर किसके संरक्षण में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है
सूचना के अधिकार आवेदन लेने में क्यों लगा डर
मामला डिंडोरी जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत घानाघाट का है जहां मंगलवार सुबह लगभग 11:00 बजे आवेदक प्रदीप सिंह सूचना का अधिकार आवेदन लेकर पहुंचे यहां पंचायत में पदस्थ सचिव रेस बिलागर ने जैसे ही सूचना के अधिकार आवेदन को पढ़ा तो वैसे ही सचिव रेस बिलागर के माथे पर चिंता स्पष्ट नजर आने लगी आवेदक के द्वारा आवेदन पत्र की पावती जब ग्राम पंचायत के सचिव रेस बिलागर से मांगी तो साहब अनेकों दलीलों का हवाला देते हुए टालमटोल करते नजर आए और आवेदक से कहने वालों की एक बिल दे देना स्पष्ट होता है कि ग्राम पंचायत में सरकार के द्वारा पंचायत विकास कार्य के लिए पहुंचाई गई राशि में बड़ा खेल ग्राम पंचायत के सचिव ने जिम्मेदारों के साथ मिलकर खेला है तो वही आवेदक से सचिव रेस बिलागर के द्वारा कहां गया कि आप बाद में आना में सरपंच से चर्चा कर लूं जबकि पंचायत में सचिव सरपंच सहित रोजगार सहायक उपस्थित रहे हैं बावजूद इसके आवेदक को सूचना के अधिकार की पावती नहीं दी गई और दोपहर 1:00 बजे बुलाते हुए समय से पहले ही पंचायत से नौ दो ग्यारह हो गए
सूचना के अधिकार अधिनियम की खुल्लेआम उड़ा रहे धज्जियां
केंद्र सरकार के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत भारत के किसी भी नागरिक को विशेष विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया हुआ है शायद जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत घाना घाट के सचिव रेस बिलागर को नही है जिसके चलते पंचायत सचिव के द्वारा सूचना के अधिकार आवेदन पत्र की पावती आवेदक को उपलब्ध नहीं कराई गई है वहीं अभी तक प्रदीप ने इस पूरे मामले से जनपद पंचायत डिंडोरी के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है वहीं ग्रामीण सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत घानाघाट में पदस्थ सचिव रेस बिलागर के द्वारा जमकर फर्जी वाड़ा कर शासन को लाखों रुपए का चुना लगाया जा चुका है स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा शासकीय दिशा निर्देशों का पालन ना करते हुए अपनी मनमर्जी चलाते हुए सूचना के अधिकार के तहत आवेदक व्दारा दिए गए आवेदन पत्र को स्वीकार कर उसकी पावती नहीं दी जा रही है