13 जून 2025 अति विशिष्ट दिन नर्मदा पथ के महायोगी अवधूत दादागुरु के अखण्ड निराहार महाव्रत साधना के1700 दिन पूर्ण
डिंडोरी हर पहर खबर गाँव शहर । हमारी प्रकृति आधारित प्राचीन सनातनी संस्कृति का जीवंत प्रामाणिक उदाहरण दादागुरु हैं जो विगत 1700 दिनों से मात्र नर्मदा जल ग्रहण कर सदी की सबसे कठिनतम अकल्पनीय प्रकृति ,पर्यावरण की निर्विकार, निष्काम सेवा के सिद्ध संकल्प के साथ महाव्रत साधना कर रहे हैं। नर्मदा मिशन के संस्थापक दादागुरु का जीवन इस सदी का सबसे बड़ा रहस्य बना हुआ है जिस पर राज्य सरकार ने शोध करवाया है औऱ अन्य अनुसंधान संस्थाओं से भी शोध करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया है।साथ ही अमेरिका भी दादागुरु की जीवनशैली पर शोध करना चाहता है जिसके लिए केंद्र सरकार के पास पत्र आ चुका है। ज्ञान विज्ञान को चुनौती देता दादागुरु का महाव्रत सिर्फ और सिर्फ स्वस्थ समर्थ व आत्मनिर्भर भारत का प्रण संकल्प है जो कि सुरक्षित और व्यवस्थित जीवन की आधारशिला भी है।
विगत 15 वर्षों से दादागुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन में संरक्षण सम्वर्धन के कार्य बृहद स्तर पर अनवरत जारी है। जिन्हें अनेकों विश्वकीर्तिमान मिल चुके हैं। ब्रिटिश सरकार भी दादागुरु को सम्मानित कर चुकी है।
दादागुरु की जीवनशैली का सबसे बड़ा रहस्य उनका स्वस्थ व सक्रीय रहना है क्योंकि दिन के 18 घण्टे क्रियाशील रहने वाले दादागुरु रात्रि जागरण के साथ साथ साधना, उपासना व संरक्षण सम्वर्धन के कार्य करते हैं तथा वायु ग्रहण कर माँ नर्मदा की 3200 किमी की पैदल परिक्रमा करते हैं। महाव्रत के दौरान ही वे चार बार रक्तदान कर चुके हैं। मेडिकल साइंस अचंभित है किंतु यही हमारी सनातनी संस्कृति की शक्ति है।
आज हमारे सामने सत्य खड़ा है सत्य को कभी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि सत्य स्वयं प्रमाणित होता है।
सदी की सबसे कठोर साधना के 1700 दिन पूर्ण होने पर दादागुरु गुजरात से 25000 देववृक्षों की स्थापना के साथ वृहत स्तर पर पूरे नर्मदापथ पर वृक्षारोपण आरम्भ कर रहे हैं। इसमें सबसे विशेष बात यह है कि
दादागुरु की महाव्रत साधना के 1700 दिन पूर्ण होने पर भारतीय सेना के सम्मान एवम ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में नर्मदा मिशन 1700 सिंदूर के देववृक्षों की भी स्थापना नर्मदा पथ पर करेगा।
आइए इस युग इस सदी की निर्विकार जीवंत सत्यमूर्ति तपोमूर्ति के संग चले सत्य की ओर कदम बढ़ाएं दादा गुरु के अखंड निराहार महाव्रत साधना और एक निर्विकार अनाम महायोगी की सेवा महासंकल्प महाव्रत में अपना योगदान दें सत्य की ओर चले।