समय पर नहीं पहुंचा वाहन चार घण्टे तक होते रहे परेशान मासूम,परिजन फिर उजागर हुई अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
लापरवाही जिम्मेदार कौन,8 बजे हुए रवाना
एनआरसी प्रबंधन ने 7 मासूमों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए किया जबलपुर रेफर
डिंडौरी हर पहर खबर गाँव शहर । जिला अस्पताल एनआरसी में अस्पताल प्रवंधन के व्दारा 7 बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है अस्पताल प्रबंधन के द्वारा सभी बच्चों को डिंडौरी जिला अस्पताल से सुबह चार बजे जबलपुर के लिए रवाना करना था जहाँ सभी मासूम बच्चों को लेकर उनके परिजनों को शुक्रवार की सुबह 8:00 बजे जबलपुर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए वाहन द्वारा पहुंचना था लेकिन अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों ने मासूम बच्चों के प्रति लापरवाही बरतते हुए समय पर वाहन उपलब्ध नहीं कराया जिसका परिणाम यह हुआ कि मासूम बच्चों सहित उनके परिजन सुबह 4:00 बजे से ही जिला अस्पताल इमरजेंसी वार्ड के सामने खड़े हो वाहन का इंतजार करते रहे लेकिन एनआरसी के जिम्मेदारों द्वारा किए गए वाहन समय पर जिला अस्पताल नहीं पहुंचे जिसका परिणाम यह हुआ कि बच्चों सहित उनके परिजन सुबह 4:00 बजे से परेशान होते रहे बतला दे कि अयांश विश्वकर्मा 1 वर्ष, निवासी ग्राम माधोपुर ब्लाक डिंडौरी, सागर यादव 14 माह निवासी ग्राम वेदरा ब्लाक डिंडौरी, कान्हा यादव 18 माह निवासी ग्राम जोगी टिकरिया ब्लाक डिंडौरी, पूर्वी 1 वर्ष निवासी वार्ड नं 04 मज्जिद मोहल्ला डिंडौरी को जिला अस्पताल एनआरसी में भर्ती कराया गया था जिन्हें स्वास्थ्य परिक्षण के लिए मेट्रो हॉस्पिटल एंड कैंसर रिसर्च सेंटर जबलपुर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बाल ह्रदय जांच के लिए रेफर किया गया था सभी बच्चों के परिजनों को जबलपुर सुबह 4:00 बजे वाहन उपलब्ध होने की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा दी गई थी
तो वही कल्पिता उइके उम्र 2 वर्ष निवासी ग्राम धोबा केवलारी ब्लाक डिंडौरी, सुरजीत मरावी 3 वर्ष निवासी ग्राम ग्वारी ब्लाक करंजिया, अनुज उचेहरा 2 वर्ष निवासी ग्राम मड़ियारास ब्लाक डिंडौरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के development dely & cere bral palsy की जांच के लिए रेफर किया गया सवाल यह है कि जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा समय से पहले इन मासूम बच्चों के लिए वाहन की व्यवस्था क्यों नहीं रखी गई अगर इन सभी मासूमों में से किसी की स्थिति बिगड़ती तो उसका जिम्मेदार कौन होता है मामले की जानकारी पीड़ितों के द्वारा जब मीडिया को दी गई तो मौके पर पहुंची मीडिया की जानकारी जिम्मेदारों को लगते ही एनआरसी की जिम्मेदार मौके पर पहुंचे और में तत्काल वाहनों की व्यवस्था में लग गए मामले पर अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों द्वारा अपने बचाव में अनेकों तथ्यों को रखा गया गनीमत यह रही की इस दौरान कोई अनहोनी घटित नहीं हुई जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी अनेकों मामले प्रकाश में आ चुके हैं बावजूद इसके जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने ठोस पहल नहीं की गई और लगातार जिसका परिणाम लापरवाहियों के रूप में देखने को मिल रहा है शायद डिंडोरी जिला अस्पताल प्रबंधन किसी बड़ी अनहोनी के घटित होने के इंतजार में मैं बैठा हुआ है