ईदगाह में बकरीद की नमाज हुई अदा,मुस्लिम समाज जनों ने एक दूसरे को गले मिल दी मुबारकबाद,सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद
डिंडोरी हर पहर खबर गाँव शहर । आज भारत में बकरीद का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मुस्लिम समुदाय के द्वारा मनाया जा रहा है यहां सुबह से ही ईद की नमाज अदा करने समाज जन ईदगाह पहुंचे जहां उन्होंने ईद की नमाज अदा की ईद पर्व को लेकर जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन सहित नगरीय प्रशासन के द्वारा पुख्ता बंदोबस्त रखे गए सुरक्षा दृष्टिकोण नगर के विभिन्न स्थानों पर पुलिस के अधिकारी जवानों को तैनात किया गया तो वही ईदगाह के समीप डिंडोरी तहसीलदार एसडीओपी डिंडोरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे मुस्लिम समाज जनों के द्वारा ईद की नमाज अदा करने पश्चात एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी
ईद से पहले नगरीय प्रशासन ने संभाला जिम्मा
बतला दें कि डिंडोरी नगरीय प्रशासन के द्वारा आज बकरीद होने के चलते एक दिवस पूर्व ही नगर मैं विशेष साफ सफाई का कार्य कराया तो वही नगरीय क्षेत्र के चिन्हित स्थानों पर चूना लाइन डाली गई नगरीय प्रशासन ने आज ईद दिवस पर ईदगाह के समीप पीने के लिए शुद्ध ठंडा पानी की व्यवस्था नमाजियों के लिए की साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के लिए टैंकर भी मौके पर रखा गया वहीं नगरीय प्रशासन ने बैठक व्यवस्था हेतु टेंट लगाया जहां वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ईद की नमाज अदा की गई
मुस्लिम धर्म के जानकार बतलाते हैं कि बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहार है जो अल्लाह के प्रति समर्पण और विश्वास को दर्शाता है। यह हमारे पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा की याद में मनाया जाता है, जब उन्हें अपने पुत्र इस्माइल को अल्लाह के लिए कुर्बान करने का आदेश मिला था.
जानकारों के अनुसार, अल्लाह ने इब्राहिम को एक सपना दिखाया जिसमें उन्हें अपने सबसे प्रिय पुत्र इस्माइल को कुर्बान करने का आदेश दिया था। इब्राहिम ने बिना किसी झिझक के अल्लाह की आज्ञा को मानने का फैसला किया और इस्माइल को लेकर कुर्बानी के लिए निकल पड़े.
जब इब्राहिम इस्माइल को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए, तो अल्लाह ने इस्माइल को बचा लिया और उसकी जगह एक मेढ़ा (नर भेड़)भेज दिया। इस घटना से इब्राहिम के अल्लाह के प्रति अटूट विश्वास और समर्पण का प्रदर्शन हुआ, और तब से बकरीद को अल्लाह के प्रति समर्पण और त्याग के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है