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सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत करने के लिए नहीं लगाई पेटी

अधिवक्ता ने प्रमुख सचिव को लिखा कलेक्टर को निर्देश देने पत्र

डिंडोरी

डिंडोरी हर पहर खबर गाँव शहर । प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मप्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सचीन्द्र राव ने 16 दिसंबर 2011 के संदर्भित पत्र पर दिनांक 29 नवंबर 2024 को भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए सभी विभागों में भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पेटी लगाने के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को आदेशित किया गया था। इस पर तत्कालीन कलेक्टर ने इस निर्देश का पालन भी किया। इसके बाद पिछले 6 सालों में नगर का कोई भी कार्यालय मप्र शासन के इस आदेश को नहीं मान रहा है। नगर मुख्यालय पर संचालित दो विभागों में पूर्व में भ्रष्टाचार शिकायत संबंधी पेटी लगाई थी। उन्होंने भी अब यह पेटी निकालकर रख दी है। इधर वास्तविकता यह है कि आज भी कार्यालयों में बिना पैसे दिए कोई भी कार्य समय पर नहीं हो रहा है। जिस तारतम्य में ज़िले के अधिवक्ता सम्यक् जैन ने प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिख कर ज़िला कलेक्टर को समस्त कार्यालय में शिकायत पेटी लगाने निर्देश देने की माँग की है । वही तत्कालीन कलेक्टर बी चंद्रशेखर बोरकर ने इस पर अमल करते हुए सभी कार्यालयों में शिकायत पेटियां लगवाई थीं। कलेक्ट्रेट के सामने नोटिस बोर्ड पर टेलीफोन नंबर भी जारी किया गया था।

यह थे शासन के निर्देश

सामान्य प्रशासन द्वारा जारी 24 दिसंबर 2011 को पत्र लिखकर जिले के सभी शासकीय विभागों को शिकायत पेटी अपने कार्यालय में लगाने के आवश्यक निर्देश दिए थे। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि प्रत्येक कार्यालय में बाहर, सुरक्षित एवं आसानी से दिखाई देने वाले स्थान पर शिकायत पेटी लगाई जाए। इसमें सरलता से शिकायत डाली जा सके।

क्या होना था प्राप्त शिकायतों का

प्राधिकृत अधिकारी को प्रतिदिन सुबह 11.30 बजे शिकायत पेटी खोलकर प्राप्त शिकायतों को पंजीबद्ध कर संबंधित विभाग के कार्यालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजनी थी। प्राप्त शिकायतों को प्रारूप अनुसार पंजीकृत किया जाना था। इसके अलावा एक सप्ताह में प्राप्त शिकायतों का प्रतिवेदन तैयार कर कार्यालय प्रमुख उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे तथा समस्त शिकायतों का विवरण कार्यालय की बेवसाइट पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश भी पत्र में स्पष्ट रूप से दिए गए थे। यदि शिकायतकर्ता मूल विभाग में शिकायत ना करते हुए अन्य विभाग की शिकायत पेटी में शिकायत डालता है तो उसे कार्यालय प्रमुख पंजीकृत कर मूल विभाग को तत्काल प्रेषित किया जाना था।

विभागों ने नहीं लगाई भ्रष्टाचार संबंधी पेटियां

मुख्यालय अन्तर्गत अधिकतर कार्यालय में शिकायत पेटी नहीं लगाई गई है जो इंगित करता है की विभागों ने तो शासन के इस आदेश का पालन ही नहीं किया। आज भी हितग्राहियों को गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने, बीपीएल का कार्ड बनवाने, शासन की योजना का लाभ लेने के लिए विभागों में राशि देनी पड़ रही है।

शासकीय विभागों के बाहर अभी तक नहीं लगी हैं शिकायत पेटी

ग्रामीणों को इस आदेश की जानकारी आज तक नहीं है। उन्हें यह नहीं पता की समस्या होने पर हम अपनी शिकायत किस प्रकार और कहां कर सकते हैं। शायद यहीं कारण है कि नगर मुख्यालय के कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, पशु चिकित्सालय विभाग, महिला बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, कृषि विभाग, जनपद पंचायत, नगर पंचायत सहित अधिकांश विभागों ने भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पेटी नहीं लगाई है।

स्थानीय एडवोकेट ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र

स्थानीय एडवोकेट सम्यक जैन ने इस मामले में प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि समस्या का निराकरण करने के उद्देश्य से शिकायत पेटी लगवाने के निर्देश दिए थे।लेकिन जिले के अधिकारी उस आदेश को नजरअंदाज कर रहे है।

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